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Friday 6 April 2018

शिक्षकों की ट्रेनिंग का शेड्यूल बनेगा,नहीं होगी पढ़ाई बाधित

** विभिन्न योजनाओं के लिए दी जाने वाली ट्रेनिंग का चार्ट विभागीय वेबसाइट पर होगा जारी

सोनीपत: नए शैक्षणिक सत्र के साथ ही शिक्षा विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। कक्षा के दौरान पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए अब अध्यापकों के विभिन्न स्तर पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों का पूरा शेड्यूल तैयार किया जाएगा। पहले जहां कोई भी प्रशिक्षण किसी भी महीने या तारीख पर अचानक लेना पड़ता था, वहीं अब दिसंबर से लेकर मार्च तक ऐसा कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।

गौरतलब है कि सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, एससीइआरटी द्वारा कराए जाने वाले प्रशिक्षण के साथ ही लर्निंग इनहांसमेंट प्रोग्राम जैसे प्रशिक्षण के लिए भी चार्ट बना दिया जाएगा। इसके साथ ही स्कूलों में होने वाले इको क्लब, डिजास्टर मैनेजमेंट व स्काउट-गाइड जैसी गतिविधि के लिए भी एक निश्चित समय निर्धारित किया जाएगा। इन सभी को लेकर अलग-अलग संस्थाओं का आपस में समन्वय न होने के कारण ये प्रशिक्षण सालभर में कभी भी शुरू हो जाते थे। कई बार तो जिस दिन प्रशिक्षण होना होता था, उसी दिन अध्यापकों को पता चलता है कि आज इस गतिविधि में भाग लेना है। प्रशिक्षण आयोजन कराने वाली विभिन्न संस्थाएं अपना वार्षिक कैलेंडर नहीं बनाती हैं, जिससे सत्र समाप्ति के दौरान जनवरी से मार्च इस तरह के कार्यक्रम ज्यादा होते थे। 

यही वार्षिक परीक्षा की पढ़ाई का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, जोकि इन प्रशिक्षणों की भेंट चढ़ जाता है। इसी सिस्टम में बदलाव करते हुए विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है। अब शेड्यूल बन जाने से अध्यापकों को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित होने से बचेगी।

"विभिन्न विभागीय संस्थाओं व शाखाओं द्वारा तरह-तरह के विषयों पर दिए जाने वाले प्रशिक्षण का कोई शेड्यूल न होने से अध्यापकों व अधिकारी की परेशानी के साथ ही विद्यार्थियों का काफी नुकसान होता था। अब सभी के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा। ऐसे सभी प्रोग्राम की एक निश्चित टाइमिंग होगी। हमारा मुख्य उद्देश्य पढ़ाई बाधित किए बिना सभी गतिविधियों को कराना है।"-नवीन गुलिया, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी

सही समय पर समन्वय से होंगे प्रशिक्षण 

अध्यापकों के लिए विभिन्न संस्थाओं व विभागीय शाखाओं द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों का शेड्यूल बनाकर विभाग की वेबसाइट पर डालना होगा। इससे विभिन्न शाखाओं के बीच समन्वय बनेगा। इन कार्यक्रमों की तारीख भी पूरा शेड्यूल देखने के बाद आसानी से निर्धारित की जा सकेगी। अध्यापकों को दिसंबर से मार्च के बीच किसी भी सूरत में कक्षा से दूर नहीं किया जाएगा। तीन दिन से अधिक के सभी प्रशिक्षणों के लिए छुट्टियों में ही कार्यक्रम बनाया जाएगा। इसी के साथ प्रत्येक प्रतिभागी अध्यापक को कम से कम 30 दिन पहले ही प्रशिक्षण के संबंध में पूरी सूचना दे दी जाएगी। लंबी छुट्टियों के दौरान अध्यापकों को प्रशिक्षण लेने के लिए चार विकल्प दिए जाएंगे, जिसमें से वह अपनी सुविधानुसार तारीख का चुनाव कर प्रशिक्षण ले सकेंगे। इससे उसके परिवार के साथ कहीं बाहर घूमने जाने या कुछ और प्लान में बीच में कोई अड़चन नहीं आएगी। इसी के साथ प्रशिक्षण देने से पहले व बाद में गुरुजनों का एक टेस्ट भी लिया जाएगा, जिससे पता लग सके कि उन्हें उक्त प्रशिक्षण का कितना लाभ मिला।

यही वार्षिक परीक्षा की पढ़ाई का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, जोकि इन प्रशिक्षणों की भेंट चढ़ जाता है। इसी सिस्टम में बदलाव करते हुए विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है। अब शेड्यूल बन जाने से अध्यापकों को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित होने से बचेगी।

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