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Tuesday 5 September 2017

मोबाइल एप के जरिए विद्यार्थी हो सकेंगे रैंकिंग से अपडेट

** शिक्षा विभाग देगा प्रत्येक विद्यार्थी को एसआरएन नंबर, विद्यार्थियों से पूछे जाने वाले 1 हजार प्रश्नों को विभाग ने एप पर किया अपलोड 
हिसार : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए शिक्षा विभाग ने एक ओर अनूठी पहल की है, जिसमें प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कौन बनेगा करोड़पति शो की तर्ज पर होने वाली प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के लिए विशेष रुप से मोबाइल एप लांच किया है। 
इस मोबाइल एप की मदद से प्रत्येक विद्यार्थी अपनी रैंकिंग के बारे में जान सकेगा।ताकि विद्यार्थी को पता रहे कि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में वह किस रैंक पर है। साथ ही वह जान सकेगा कि कौन - कौन से विद्यार्थी, कितने - कितने रैंक पर है। इसके अलावा एप की मदद से विद्यार्थी यह भी पता लगा सकेगा कि वह प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के किस राउंड में पहुंचा है और प्रत्येक राउंड में उसे कितने - कितने अंक प्राप्त हुए। इस मोबाइल एप का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एक तो विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी, जिस कारण वे बेहतर रैंक प्राप्त करने के लिए दोगुनी मेहनत करेंगे। 
तो दूसरा, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के दौरान कोई भी अधिकारी पक्षपात की भावना से रैंक से छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। क्योंकि विद्यार्थियों के मोबाइल पर रैंक से संबंधित सभी स्टेटस मौजूद रहेंगे। 
प्रतिस्पर्धा के साथ बच्चों में होगा ज्ञान का विस्तार 
इस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता से बच्चों को कई फायदे पहुंचेंगे, जिसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी। क्योंकि जैसे ही बच्चे आनलाइन के जरिए एक दूसरे का रैंक देखेंगे तो उनमें आगे निकलने की होड़ होगी, जिस कारण वह पूरी शक्ति से पाठ्यक्रम से संबंधित विषयों को एकाग्रता के साथ पढ़ेगा। इसके अलावा इस कदम से बच्चे ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित करेंगे, जिस कारण बच्चों में ज्ञान का विस्तार होगा। 
बच्चे कर सकेंगे खुद का विश्लेषण : 
केआरपी अर्थात कि रिसोर्सिस परसन्स में शामिल अशोक वशिष्ठ ने बताया कि इस कार्यक्रम से बच्चे खुद का विश्लेषण भी कर सकेंगे। 
प्रतियोगिता के दौरान भाग लेने वाले विद्यार्थी को अपनी कमियों और शक्ति के बारे में पता लग जाएगा। साथ ही उसे पता लग जाएगा कि उसे कितना ओर तैयार होना है। इस कारण बच्चा अपने आप का विश्लेषण कर सकेगा। साथ ही वह एक दूसरे से काफी कुछ सीख सकेंगे। 
क्योंकि बच्चे पर संगत का असर बड़ी तेजी के साथ पड़ता है। जैसे - जैसे बच्चे का माहौल सुधरता जाएगा वैसे - वैसे बच्चा खुद भी अपने आप में एक बदलाव करता जाएगा, जिसके लिए उसे सख्त जरूरत है।
प्रत्येक विद्यार्थी को मिलेगा एसआरएन नंबर 
शिक्षा विभाग ने प्रत्येक विद्यार्थी को एसआरएन नंबर देने का फैसला लिया है। एसआरएन नंबर को स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन नंबर भी कहा जाता है। इसमें प्रत्येक विद्यार्थी को एक रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा। जोकि विद्यार्थी को मोबाइल एप में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर सर्च करना होगा। उसके बाद कुछ पलों में ही प्रतियोगिता संबंधित पूरा ब्यौरा विद्यार्थी के आंखों के सामने होगा। इस रजिस्ट्रेशन नंबर में लागआउट का विकल्प भी दिया गया है, जिसमें विद्यार्थी लागआउट के जरिए अपने ब्यौरे को भी सुरक्षित रख सकेगा।मोबाइल एप पर किया एक हजार प्रश्नों को अपलोड 
शिक्षा विभाग ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के लिए अभी से ही मोबाइल एप पर एक हजार प्रश्नों को अपलोड किया है। ये प्रश्न विद्यार्थियों से उस समय पूछे जाएंगे, जब बच्चा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लेगा। विभाग ने इसके लिए सभी प्रश्नों को वेबसाइट में डाल दिया है। यह वेबसाइट एससीएचओओएल इडीयूसीसीआईओएन एचएआरएवाएएनए डॉट जीओवी डॉट इन है। सभी प्रश्नों को आनलाइन के जरिए बच्चों से पूछे जाएंगे।

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