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Sunday 3 September 2017

प्राइमरी में 4960 शिक्षक नॉन-क्वालीफाई, मार्च 2019 तक करना होगा कोर्स, नहीं तो नौकरी गई

** देश में सरकारी, प्राइवेट एडिड स्कूलों के 11.09 लाख शिक्षक प्रभावित
** दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के लिए शिक्षकों को 15 सितंबर तक कराना होगा पंजीकरण

** आरटीई-2009 के तहत राज्यों के शिक्षा विभाग अधिकारियों को दिए निर्देश 

रेवाड़ी : देश के किसी भी सरकारी, प्राइवेट एडिड प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए सरकार ने डीएलएड, जेबीटी या अन्य समकक्ष योग्यता होना जरूरी कर दिया है। जिन स्कूलों में नॉन-क्वालीफाई शिक्षक है, उन्हें एनआईओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान) से मार्च-2019 तक दो वर्षीय डिप्लोमा काेर्स करना होगा। अगर ऐसा करने में असफल रहे तो एक अप्रैल 2019 से ऐसे सभी नॉन-क्वालीफाई शिक्षकों को नौकरी से हटा दिया जाएगा।
इन निर्देशों से देशभर में सरकारी, प्राइवेट एडिड स्कूलों के 11.09 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे। इनमें हरियाणा के निजी प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत 4960 शिक्षक प्रभावित होंगे। बता दें कि हरियाणा के राजकीय प्राइमरी स्कूलों में कोई भी शिक्षक नॉन-क्वालीफाइड नहीं है। इन शिक्षकों को निर्धारित अवधि में यह काेर्स पूरा करना होगा। इसके लिए सरकार ने आरटीई-2009 के अंतर्गत सभी राज्यों के शिक्षा विभाग अधिकारियों को निर्देश दे दिए है। अब ऐसे नॉन-क्वालीफाई शिक्षकों को योग्यता हासिल करने का आखिरी मौका है। जिसके लिए उन्हें 15 सितंबर तक एनआईओएस में अपना पंजीकरण कराना होगा। ताकि वो शिक्षा विभाग द्वारा ट्रेनिंग दो वर्षीय डीएलएड (डिप्लोमा पाठ्यक्रम) के लिए पंजीकृत हो सके।
स्कूल मुखियाओं को देनी होगी रिपोर्ट
सरकारने स्पष्ट किया है कि स्कूल मुखियाओं को 7 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी होगी, जिसमें यह दर्शाया जाए कि स्कूल में कितने नॉन-क्वीलफाई शिक्षक है। समय पर रिपोर्ट देने गलत जानकारी देने की जिम्मेदारी खुद स्कूल मुखिया की होगी। मार्च 2019 तक डिप्लोमा नहीं लेने पर स्कूल नॉन-क्वालीफाई शिक्षकों को नहीं लगा सकेंगे।
प्राइवेट एडिड स्कूलों को आएगी दिक्कत : डीईईओ
"प्राइमरीस्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की योग्यता संबंधी निर्देश मिल चुके हंै। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सभी शिक्षकों के पास निर्धारित योग्यता है। इन निर्देशाें से प्राइवेट एडिड स्कूलों के अयोग्य अध्यापकों को प्रभाव पड़ेगा। ऐसे स्कूल निर्धारित समय तक अपने यहां नॉन-क्वालीफाई शिक्षकों का पंजीकरण करवाएं, ताकि उन्हें डिप्लोमा मिल सके, नहीं तो उन्हें नौकरी से हटाया जाएगा।"-- सुरेश गोरिया, डीईईओ, रेवाड़ी।
पश्चिमी बंगाल में सबसे ज्यादा तीन लाख शिक्षक हुए अयोग्य
देशमें पश्चिमी बंगाल के प्राइमरी स्कूलों सबसे ज्यादा करीब 3 लाख शिक्षक अप्रशिक्षित यानि नॉन-क्वालीफाई हैं। इनके सरकारी स्कूलों में 2,34,819 शिक्षक प्राइवेट स्कूलों में 60851 शिक्षक शामिल है। वहीं बिहार के सरकारी स्कूलों में 98,351 प्राइवेट स्कूलों में 33314 शिक्षक अयोग्य है। वहीं असम के सरकारी स्कूलों में 44,797 प्राइवेट स्कूलों में 36856 शिक्षक अयोग्य है। वही अन्य राज्यों केंद्रशासित प्रदेशों में 11 लाख से ज्यादा शिक्षकों के पास निर्धारित योग्यता नहीं हैं। बता दें कि, दिसंबर 2015 तक एनआईओएस द्वारा 5,87,392 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
एनआईआेएस 3 अक्टूबर से शुरू करेगा बैच
एनआईओएसद्वारा नॉन-क्वालीफाई शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए 3 अक्टूबर से पहला बैच शुरू किया जाएगा। इसका फर्स्ट टर्म 3 अक्टूबर से 18 जून, 2018 को समाप्त होगा। इसके बाद सेकिंड टर्म 25 जून, 2018 से 31 मार्च, 2019 तक संपन्न होगा। जिसके बाद शिक्षकों को दो वर्षीय डिप्लोमा दिया जाएगा।
12वीं में 50% अंक अनिवार्य
नाॅन-क्वालीफाईशिक्षकों को दो वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण कराने को 12वीं में 50 प्रतिशत अंक होने अनिवार्य है। कोर्स के लिए उन्हें 6000 रुपए फीस भी देनी होगी। 


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