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Saturday 19 August 2017

प्रदेश के हर सरकारी स्कूल में आज बनेंगे क्विज क्लब

** सभी जिलों में निगरानी के लिए शिक्षा निदेशालय ने लगाई अधिकारियों की ड्यूटी
** हर शनिवार को क्विज में शामिल होंगे तीसरी से 12वीं तक के विद्यार्थी
चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने की खातिर क्विज बैंक लांच करने के बाद अब शनिवार को सभी राजकीय विद्यालयों में क्विज क्लब बनाए जाएंगे। तीसरी से बारहवीं कक्षा तक अलग-अलग क्विज क्लब बनाने के लिए शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों के साथ ही स्कूल मुखियाओं की ड्यूटी लगाई है। क्लबों के गठन के बाद सभी प्रतिभागी बच्चों को पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया जाएगा।
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ ही डाइट, बाइट, डीपीसी, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी, स्कूल मुखियाओं और बीआरपी (ब्लाक संदर्भ व्यक्ति) और एबीआरसी (असिस्टेंट ब्लाक रिसोर्स सेंटर) को लिखित आदेश जारी कर दिया है।
वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पर्यवेक्षण के लिए निदेशालय तथा एससीईआरटी, डाइट, बाइट, डीईओ, डीईईओ, डीडीईओ, डीपीसी, बीईओ, बीईईओ कार्यालय के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उच्च विद्यालयों का पर्यवेक्षण डाइट और बाइट में कार्यरत पीजीटी स्तर के कर्मचारी तथा डीएसएस, डीएमएस व एपीसी करेंगे। माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालयों का जिम्मा बीआरपी और एबीआरसी को सौंपा गया है। शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों में क्विज क्लब बनाना अनिवार्य किया है। इसका उद्देश्य छात्रों की बौद्धिक, मानसिक स्तर और रचनात्मक क्षमता को विस्तार देना है। हर शनिवार को स्कूल स्तर पर क्विज कराई जाएगी। कक्षा में पढ़ाए गए पाठों पर आधारित प्रश्नों से बच्चों के शैक्षिक स्तर की जांच होगी। इस प्रतियोगिता का पूरा रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा।
राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं
बच्चों की प्रतिभा का आकलन करने के लिए स्कूल से लेकर राज्य स्तर तक प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। इसमें कक्षा तीन से 12वीं तक के विद्यार्थी शामिल होंगे। क्विज में हिंदी, इंग्लिश, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान औरखेल से जुड़े सवाल होंगे। क्विज बैंक के गठन और सफल संचालन के लिए 95 शिक्षकों को ‘की रिसोर्स पर्सन’ के रूप में ट्रेनिंग दी गई है जो अपने जिलों और ब्लॉक में जाकर स्कूलों में क्विज क्लबों का गठन कराएंगे।
सर्वशिक्षा अभियान के लिए 1144 करोड़
सर्व शिक्षा अभियान के तहत इस साल 1144 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिसमें से 1031 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी। शिक्षा स्तर बेहतर बनाने को 35 हजार अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिस पर 5.38 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अक्टूबर तक 100 रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षित किया जाएगा जो तीन हजार मौलिक मुख्य अध्यापकों को प्रशिक्षित करेंगे।

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