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Sunday 26 March 2017

ऑनलाइन पाठशाला में करें पीजी की पढ़ाई

** शैक्षणिक संस्थानों को ई-पीजी पाठशाला की वेबसाइट का लिंक होमपेज पर देने का निर्देश
** विश्वविद्यालयों में क्लास रूम पढ़ाई के साथ यह सुविधा भी जुड़ी
** 57 विषयों में दस हजार से ज्यादा लर्निग मॉड्यूल शुरू
नई दिल्ली : पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) की पढ़ाई करने वाले देश भर के छात्रों को अब बेहतरीन विशेषज्ञों की क्लास घर बैठे किसी भी समय उपलब्ध हो गई है। केंद्र सरकार की ओर से खास तौर पर पीजी के छात्रों के लिए शुरू की गई ‘ई-पीजी पाठशाला’ में अब 57 विषयों के दस हजार से ज्यादा मॉड्यूल शुरू कर दिए गए हैं। साथ ही अब देश भर के सभी विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे छात्रों को क्लास रूम पढ़ाई के साथ ही यह सुविधा भी उपलब्ध करवाएं। 
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उपयुक्त संख्या में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के तैयार हो जाने के बाद अब सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे इन्हें छात्रों तक पहुंचाने में पूरी मदद करें ताकि अधिक से अधिक छात्र इनका फायदा उठा सकें। 
यूजीसी सचिव जसपाल एस. संधु की ओर से जारी निर्देश में इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों को ई-पीजी पाठशाला की वेबसाइट का लिंक अपने होमपेज पर देने को भी कहा गया है। ये पाठ मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने ‘सूचना प्रौद्योगिकी के जरिये शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन’ के तहत यूजीसी से ही तैयार करवाए हैं। 
मनोविज्ञान में 608 मॉड्यूल
अब तक सबसे ज्यादा 608 मॉड्यूल मनोविज्ञान में तैयार किए गए हैं, जबकि समाजशास्त्र में 569, मंचीय कला में 561, संस्कृत में 535, गणित में 522, रसायन विज्ञान में 487 और अर्थशास्त्र में 485 इकाइयां तैयार की जा चुकी हैं। इन सभी विषयों को ‘कला, मानविकी और भाषा’, ‘इंजीनियरिंग और तकनीकी’, ‘जीवन विज्ञान’, ‘चिकित्सा और स्वास्थ्य विज्ञान’, ‘भौतिकी और मौलिक विज्ञान’ तथा ‘समाज विज्ञान’ जैसी छह श्रेणियों में बांटा गया है।
उच्चतम गुणवत्ता वाली सामग्री
इस परियोजना से जुड़े अधिकारी कहते हैं कि इसके जरिये अधिक से अधिक छात्रों को उच्चतम गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध करवाने की तैयारी की गई है। इसका उपयोग पूरी तरह मुफ्त है। इसे खास तौर पर पीजी के मुख्य पाठ्यक्रम पर ही आधारित रखा गया है ताकि छात्र इसके जरिये अपने पाठ्यक्रम की बेहतर समझ बना सकें। साथ ही छात्र खुद ही अपने अध्ययन का स्तर जान सकें, इसके लिए सेल्फ एसेसमेंट की व्यवस्था भी की गई है। 

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