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Saturday 11 February 2017

बीएड कॉलेजों ने भेजी मांगें, विश्वविद्यालय की ना

** जींद के कई बीएड कॉलेज खुले, कई जगह रही हड़ताल
** विश्वविद्यालय ने मांगों की तुलनात्मक सूची वेबसाइट पर डाली
जींद : बीएड कॉलेज संचालकों ने चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय को अपनी मांगों का ज्ञापन तीन दिन बाद वीसी व रजिस्ट्रार का मेल के लिए जरिये भेज दिया। बीएड संचालकों का कहना है कि वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने मांगों की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार कर अपनी वेबसाइट पर जारी कर दी है।
उधर, विश्वविद्यालय ने भी बीएड कॉलेज संचालकों की मांगों को मानने से साफ इन्कार कर दिया है। विश्वविद्यालय का कहना है कि कोई हड़ताल नहीं है और जो हड़ताल कर रहे हैं उनके पास तो छात्र ही नहीं है। केवल अपनी कमियों को छिपाने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं।एसोसिएशन ऑफ एनसीईटी अप्रूव्ड कॉलेज ट्रस्ट की ओर से विश्वविद्यालय के वीसी, रजिस्ट्रार व डीन ऑफ कॉलेज को पांच सूत्रीय मांग पत्र भेजा है। 
ये हैं मांगें
  • 1. कंजीनेशन, एक्सटेंशन व इंस्पेक्शन को लेकर की गई है। इसमें पिछले विश्वविद्यालयों की ओर से लिए जा रही फीस का भी जिक्र किया गया है। साथ ही एक हजार रुपये प्रति मेंबर के हिसाब से इंस्पेक्शन फीस ली जाए। इंस्पेक्शन 30 नवंबर के पास किया जाए। 
  • 2. सरप्राइज विजिट को रद किया जाए तथा इंस्पेक्शन से 30 दिन पहले सूचना दी जाए। 
  • 3. विश्वविद्यालय अपने नामिनी व एक्सपर्ट की लिस्ट बनाए ताकि कॉलेज शिक्षकों का चयन करते समय अपने नजदीकी पड़ने वालों को विश्वविद्यालय अप्रूव करें। 
  • 4. नामिनी व एक्सपर्ट के प्रतिदिन के लिए एक हजार रुपये फिक्स किए जाए, कॉलेज में रखे जाने वाले ¨प्रसिपल, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर रखने की आयु 70 वर्ष तक बढ़ाई जाए। 
  • 5. विश्वविद्यालय द्वारा 4090 रुपये फीस के लिए जा रहे हैं जो विश्वविद्यालय की बजाय कॉलेजों की होनी चाहिए और यह 1000 रुपये रजिस्ट्रेशन व 600 रुपये परीक्षा फीस विश्वविद्यालय की हो। बीएड की काउंसिलिंग फीस 500 रुपये से ज्यादा नहीं ली जाए। वहीं विश्वविद्यालय ने अपनी तुलनात्मक फीस की जानकारी वेबसाइट पर डाल दी है और कहा कि यह दूसरों से ज्यादा नहीं है। विश्वविद्यालय ने कॉलेजों की मांगों को पूरा करने से इंकार कर दिया है।

तुलनात्मक रिपोर्ट पर लगाए गए आब्जेशन
एसोसिएशन ऑफ एनसीटीई एप्रूवड कॉलेज ट्रस्ट ने विश्वविद्यालय की ओर से जारी तुलनात्मक रिपोर्ट में दर्शाई गई रजिस्ट्रेशन फीस पर सवाल उठाए हैं।
विश्वविद्यालय ने कुवि की 3560, एमडीयू की 4305, सीआरएसयू की 3945 व सीडीएलयू की 4690 रुपये दर्शाये हैं जबकि ट्रस्ट का कहना है कि कुवि 2110, एमडीयू 3495 व सीडीएलयू 3440 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस लेता था। 
इसी प्रकार से कुवि की डेवलेपमेंट फीस 2000 रुपये दिखाई है, जिस पर ट्रस्ट ने आपत्ति जताते हुए बताया कि कुवि की डेवलेपमेंट फीस मात्र 600 रुपये थी।
कई जगह लगी कक्षाएं1बेशक एसोसिएशन ऑफ एनसीटीई अप्रूव्ड कॉलेज ट्रस्ट हड़ताल होने की बात कर रही हो, लेकिन जींद जिले की बात की जाए तो कई बीएड कॉलेज खुले हैं और वहां बीएड की कक्षाएं भी चल रही हैं जबकि कई कॉलेजों ने हड़ताल की हुई है और वहां केवल डीएड की कक्षाएं लगाई जा रही हैं।
मांगे पूरी करें विश्वविद्यालय : आर्य
एसोसिएशन ऑफ एनसीटीई अप्रूव्ड कॉलेज ट्रस्ट के प्रधान एसवी आर्य ने कहा कि विश्वविद्यालय के सामने एसोसिएशन की ओर से जो मांगें रखी गई थी, वह मेल के जरिये भेज दी गई हैं। विश्वविद्यालय को चाहिए कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करें, क्योंकि बीएड कॉलेजों की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। विश्वविद्यालय कॉलेजों पर भार डालने का काम कर रहे हैं। यदि सात दिन तक मांग पूरी नहीं हुई तो बीएड कॉलेज हाईकोर्ट का सहारा लेंगे। इस समय सभी कॉलेजों में हड़ताल जारी है। बच्चों की पढ़ाई की तरफ विश्वविद्यालय ध्यान नहीं दे रहा। जो तुलनात्मक रिपोर्ट विश्वविद्यालय ने जारी की है, वह झूठी है और उसमें अधिकतर अंश गलत हैं।
मांगें जायज नहीं : मोर
सीआरएसयू के रजिस्ट्रार प्रो. राजबीर सिंह मोर ने कहा कि बीएड कॉलेज संचालकों की मांगें देख ली गई हैं, वह जायज नहीं है। सभी फीसों की तुलनात्मक रिपोर्ट जारी कर दी गई है। विश्वविद्यालय ज्यादा फीस नहीं ले रहा है। जो लोग हड़ताल की बात कर रहे हैं, वह गलत है। गत दिवस भी प्रदेश के 36 से अधिक बीएड कॉलेजों के 180 विद्यार्थी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कैंपस पहुंचे थे। जब बच्चे आ रहे हैं तो हड़ताल कैसी। हड़ताल वे लोग कर रहे हैं, जिनके पास बच्चे ही नहीं है। वे अपनी कमियां छुपाने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं।



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