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Friday 7 October 2016

हसला हरियाणा : प्राध्यापकों की वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए ग्रेड पे 5400 दिया जाए

आज पूर्व राज्य प्रधान किताब सिंह मोर की अध्यक्षता में हसला प्रतिनिधिमंडल छठे वेतन आयोग की विसंगति दूर करवाने के लिए वेतन विसंगति आयोग के अध्यक्ष पी राघवेंद्र राव (अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त विभाग हरियाणा सरकार) एव विशेष सचिव वित्त विभाग श्री मति आशिमा बराड़ के समक्ष सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में मजबूती से तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखा।इस प्रतिनिधिमंडल में हसला ज़िला प्रधान करनाल बीर सिंह राणा जय भगवान् अम्बाला तथा वज़ीर दलाल जींद भी शामिल रहे।इस बैठक की जानकारी देते हुए किताब सिंह मोर ने बताया कि हसला ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि छठे वेतन आयोग में स्कुल प्राध्यापको का ग्रेड पे 5400 बनता था जब प्रदेश सरकार ने घोर भेद्वभाव करते हुए 4800 दिया। हसला ने अपना पक्ष रखते हुए कह कि 1960 से लेकर वर्ष 2000 तक स्कुल प्राध्यापकों का वेतनमान न केवल हाई स्कूल हेडमास्टर के बराबर था बल्कि स्कुल प्राध्यापकों को कोठारी कमीशन में अनुशंसा के समय स्कुल प्राध्यापकों को कॉलेज़ काडर प्राध्यापकों से भी ज्यादा वेतनमान प्राप्त करते थे। हसला ने पक्ष रखा कि स्कुल प्राध्यापक की योग्यता स्कुल हैडमास्टर से ज्यादा रही है तथा जब भी कोई हाई स्कूल अपग्रेड होकर सीनियर सेकेंडरी स्कूल बन जाता है तो तुरंत प्रभाव से हैडमास्टर की डीडी पावर समाप्त हो जाती है तथा उस विद्यालय में वरिष्ठ प्राध्यापक को डीडी पावर जाती है आज जिन 10 वीं व 12 वीं कक्षाओं को स्कुल प्राध्यापक पढ़ा रहे है वर्ष 1996 तक ये कक्षाए प्रदेश के कॉलेज में पढाई जाती थी । शिक्षा विभाग के सभी महत्वपूर्ण कार्य केवल स्कुल प्राध्यापक ही पूरा करते है। हैडमास्टर और प्राध्यापक दोनों ही प्रधानाचार्य पद की पद्दोन्नत्ति के फीडर-काडर है । आज कक्षा 9-12 तक 4 कक्षाओं को पढ़ने की जिम्मेवारी प्राध्यापकों को दी गई है। निदेशालय स्तर पर विभिन्न प्रोजेक्ट भी प्राध्यापकों द्वारा ही चलाए जा रहे है। प्रदेश में जितनी संख्या में हाई स्कूल है उतनी संख्या के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों की डीडी पावर तो आज तक स्कुल प्राध्यापक सम्भालते आए है जो कि पद हैडमास्टर से उच्च पद होता है। स्कुल प्राध्यापकों को एसीपी 400 दिया जाता है जबकि पद्दोनन्त काडर प्रिंसिपल का ग्रेड पे 6000 है। इसलिए इतनी खामियों को देखते हुए तथा स्कुल प्राध्यापकों की जिम्म्मेवारियों को समझते हुए सांतवा वेतन आयोग लागू होने से पहले प्राध्यापकों की वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए ग्रेड पे 5400 दिया जाए। 
किताब सिंह मोर 
पूर्व राज्य प्रधान हसला हरियाणा

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